ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए किडनी की देखभाल जरूरी : डॉ. राजेंद्र प्रसाद माथुर

 


 हमें किडनी रोगों से जुड़ी गंभीरताओं को समझने की आवश्यकता है, जो विशेष रूप से हृदय रोगों जैसे एंजाइना, हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और लकवा आदि रोगों का प्रमुख कारण बनते हैं।

 

क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) क्या है ?

CKD एक धीमी गति से बढ़ने वाला और अपरिवर्तनीय रोग है, जिसमें किडनी की फिल्टर करने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है। इसके कारण शरीर में अतिरिक्त पानी और विषैले पदार्थों का संचय होने लगता है। यह बीमारी  शरीर की प्रत्येक कोशिका को प्रभावित करती है।विश्व स्तर पर लगभग 85 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी रूप में किडनी रोग से पीड़ित हैं, जो हर दस में से एक वयस्क को प्रभावित करता है।

 शुरुआती लक्षणों का पता न चलना एक गंभीर समस्या !शुरुआती अवस्था में CKD के कोई विशेष लक्षण नहीं होते, इसलिए यह रोग बिना पहचान के बढ़ता रहता है। जब किडनी की कार्यक्षमता 15% से कम रह जाती है, तो यह स्थिति एंड स्टेज रीनल डिजीज (ESRD) कहलाती और जीवन डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना संभव नहीं रहता।



 भारत जैसे विकासशील देशों में हर साल 2 लाख नए किडनी रोगी  ESRD की अवस्था में पहुंचते हैं, जिनमें से केवल 10-15% ही डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण चिकित्सा के रूप में उपचार करवा पाते हैं। इसलिए CKD की जल्दी पहचान और रोकथाम अत्यंत आवश्यक है। सीरम क्रिएटिनिन तथा यूरिन रूटीन टेस्ट के द्वारा किडनी की बीमारी का पता लगाया जा सकता है

किडनी रोग और हृदय रोगों के बीच संबंध: किडनी रोग, हृदय रोगों के लिए सबसे बड़ा जोखिम कारक है। CKD से पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक और रक्त संचार संबंधी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अतः किडनी रोगों का समय पर उपचार न केवल किडनी को बल्कि हृदय को भी स्वस्थ रखने में सहायक होता है।

 किडनी रोग के मुख्य कारण:

1. उच्च रक्तचाप (हाई बीपी)

2. मधुमेह (डायबिटीज)

3. मोटापा

4. धूम्रपान और तंबाकू का सेवन

5. अत्यधिक नमक और वसा युक्त भोजन

6. शारीरिक निष्क्रियता (Sedentary Lifestyle)

 7. लम्बे समय तक तेज दर्दनाशक दवाइयों का सेवन


किडनी और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए 10 जरूरी उपाय:

1. अनुशासित जीवनशैली अपनाएँ: आलस्यपूर्ण जीवनशैली और अनियंत्रित खानपान से बचें।

2. बीपी चेक  करे और कण्ट्रोल में रखे । हाई बीपी silent killer है 

3. मोटापा कम करें और शरीर का सामान्य वजन बनाए रखें।

4.  ब्लड शुगर चेक  करे और कण्ट्रोल में रखे

5  स्वस्थ आहार लें: - फल, सब्जियाँ, फली  दाल, नट्स, बीज,  (beans, nuts and seeds) कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें। संतृप्त वसा (Saturated Fats), शक्कर और स्टार्च की मात्रा सीमित करें।नमक का सेवन 5 ग्राम प्रतिदिन से अधिक न करें।अल्ट्रा प्रोसेस्सेड फ़ूड से बचे। प्रतिदिन लगभग ढाई लीटर पानी पियें

6. नियमित व्यायाम करें: प्रतिदिन 30 मिनट की तेज चाल में सैर या अन्य एरोबिक व्यायाम करें।

7.  धूम्रपान न करें और शराब का सेवन पूरी तरह त्याग दें।

8. ७-८ घंटे की नींद प्रतिदिन आवश्यक है

9. मानसिक तनाव को कण्ट्रोल करे, योग, मैडिटेशन, सामाजिक कार्यों में रूचि ले

10. नियमित स्वास्थ्य जांच कराएँ: यदि आपको हाई बीपी, डायबिटीज, मोटापा, धूम्रपान की आदत,  

   40 साल से अधिक उम्र या परिवार में किडनी रोग का इतिहास है, तो नियमित रूप से किडनी की जांच कराएँ। जिन महिलाओं को गर्भावस्था में हाई बीपी की समस्या हुई हो, उन्हें भविष्य में किडनी रोग का खतरा अधिक होता है। अतः नियमित रूप से बीपी  तथा किडनी की जांच कराएँ।किडनी और हृदय एक- दूसरे से जुड़े हुए हैं। किडनी की रक्षा करना, हृदयको स्वस्थ बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि हम समय रहते सावधानी बरतें, तो न केवल किडनी रोग बल्कि हृदय रोगों से भी बच सकते हैं।


लेखक इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी  साइंसेज, नई दिल्ली में सीनियर कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी और

ट्रांसप्लांट मेडिसिन के रूप में कार्यरत हैं।